🧾 *०प्रथम संविधान संशोधन(1951)–नौवीं अनुसूची जोड़ी गई और संविधान में 15(4) ०
7वां संशोधन(1956)– ० लोकसभा के सदस्यों की संख्या में वृद्धि। ०दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक उच्च न्यायालय प्रावधान।०
31वां संशोधन(1972)–लोकसभा सीटें 525 से बढ़ाकर 545 कर दी गईं।०
36वां संशोधन(1975)–सिक्किम को भारत का पूर्ण राज्य बनाया गया।०
38वां संशोधन(1975)–न्यायिक पुनरीक्षण शक्ति का परिसीमन।०
39वां संशोधन(1975)–राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति , स्पीकर और प्रधानमंत्री के चुनाव को चुनौती नहीं दी जा सकती।०
52वां संशोधन(1985)–दल-बदल विरोधी कानूनों का प्रावधान( नई दसवीं अनुसूची जोड़ी गई)०
58वां संशोधन(1987)–संविधान के प्राधिकृत हिन्दी पाठ को प्रकाशित करने हेतु।०61वां संशोधन(1989)– मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।०
69वां संशोधन(1991)–दिल्ली को ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली’ का विशेष दर्जा दिया गया। ०
70वां संशोधन(1992)–राष्ट्रपति चुनाव के लिए पांडिचेरी और दिल्ली विधायिका के सदस्यों को निर्वाचक मंडल में शामिल करने का प्रावधान ।०73वां संशोधन(1992)–पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया।०
74वां संशोधन(1992)–शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा दिया गया।०
86वाँ संशोधन(2002)–प्रारंभिक शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया।०
89वाँ संशोधन(2003)–अनुच्छेद 338-A के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन।०
91वाँ संशोधन(2003)–मंत्रिपरिषद में प्रधान मंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या लोकसभा की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होगी।०
97वाँ संशोधन(2011)–सहकारी समितियों का गठन।०100वां संशोधन(2015)–भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौता।०
101वां संशोधन(2016)–जीएसटी।०
102वां संशोधन(2018)–राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।०
103वां संशोधन(2019)–EWS को 10% आरक्षण।०104वां संशोधन(2020) ०लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एससी और एसटी के लिए सीटों की समाप्ति की समय सीमा सत्तर साल से बढ़ाकर अस्सी साल कर दी गई। ० लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए आरक्षित सीटें हटा दी गईं।०105वां संशोधन(2021)–सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) की सूची तैयार करने की राज्य सरकारों की शक्ति बहाल की गई।०
106वां संशोधन अधिनियम(2023)–महिला आरक्षण से सम्बन्धित है।