
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे “देशद्रोह” करार दिया। राहुल ने कहा, “अगर भागवत ने यह बयान किसी और देश में दिया होता, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता।”
भागवत का बयान क्या था?
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को “सच्ची आजादी” से जोड़ा था। उन्होंने कहा,
“देश को वास्तविक आजादी 1947 में नहीं, बल्कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मिली।”
राहुल गांधी का आरोप
- राहुल गांधी ने कहा कि यह बयान स्वतंत्रता संग्राम और देश के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है।
- उन्होंने कहा, “RSS और उसके नेताओं ने कभी आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिया। अब वे हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।”
सियासी बवाल
भागवत के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। कांग्रेस ने इसे भारतीय संविधान और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बताते हुए माफी की मांग की।
- कांग्रेस प्रवक्ता: यह बयान भारत की आजादी के संघर्ष को नकारने जैसा है।
- RSS का रुख: संगठन ने इसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ में दिया गया बयान बताया।
निष्कर्ष
मोहन भागवत के बयान और राहुल गांधी की प्रतिक्रिया ने एक नई राजनीतिक बहस छेड़ दी है। विपक्ष इसे “संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ” बता रहा है, जबकि RSS इसे अपनी सांस्कृतिक विचारधारा से जोड़ रहा है।