सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में कर्मचारियों और युवाओं के कल्याण के साथ-साथ सुशासन और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकार वार्ता में जानकारी दी कि पिछली सरकार द्वारा गठित जिलों और संभागों का पुनः निर्धारण किया गया है। इस निर्णय के तहत अब प्रदेश में कुल 7 संभाग और 41 जिले होंगे। इस कदम का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को अधिक प्रभावी और सरल बनाना है, जिससे विकास योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों में मुख्य रूप से नए जिलों और संभागों के गठन और पुनर्गठन पर जोर दिया गया। इसमें 7 संभाग और 41 जिलों की संरचना को मंजूरी दी गई।
संभागों की नई सूची:
- जयपुर संभाग
- जोधपुर संभाग
- उदयपुर संभाग
- कोटा संभाग
- बीकानेर संभाग
- भरतपुर संभाग
- अजमेर संभाग
नए जिलों के गठन:
मंत्रिमंडल ने कुछ नए जिलों के गठन को स्वीकृति दी है, जिनका उद्देश्य प्रशासन को स्थानीय स्तर पर मजबूत बनाना और नागरिक सेवाओं को सुलभ करना है। नए जिलों के संभावित नाम हो सकते हैं:
- दूदू
- ब्यावर
- शाहपुरा
- फलौदी
- रतनगढ़
- बालोतरा
इन फैसलों का प्रभाव:
- प्रशासनिक दक्षता में सुधार: छोटे जिलों और संभागों से सरकारी योजनाओं और सेवाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने में तेजी आएगी।
- स्थानीय रोजगार: नए प्रशासनिक कार्यालय खुलने से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- विकास की गति: नई संरचना के तहत विकास कार्यों में सुगमता आएगी और निर्णय लेने में तेजी होगी।